"अच्छा भाग्य अच्छी योजना का परिणाम है"
अच्छा भाग्य अच्छी योजना से मिलता है कई लोग बस भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं कि अगर भाग्य में होगा तो मिलेगा कोई मेहनत नहीं करते लेकिन बिना मेहनत के कुछ भी नहीं मिलता किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए हमें पूरी योजना बनानी पड़ती है उस योजना पर चलना होता है तब हमें अच्छा भाग्य मिलता है अर्थात तात्पर्य यह है कि अच्छा भाग्य बनाने में हमारे खुद का हाथ है हमारी खुद की मेहनत है उदाहरण के लिए जैसे बहुत गरीब लड़का मजदूरी करके जैसे तैसे अपना पेट पालता है फिर योजना बनाकर बहुत मेहनत करता है कठिन परिश्रम करता है पढ़ाई में दिन रात एक करता है और एक दिन एक बड़ा व्यापारी बनकर अपना भाग्य बदल देता है योजना बनाकर कठिन परिश्रम कर हम अपने भाग्य को बदल सकते हैं बस जरूरत है तो अच्छी योजना की और उस पर अमल करने की.
"अच्छा भाग्य अच्छी योजना का परिणाम है"
अच्छा भाग्य अच्छी योजना का परिणाम है इसके दो पहलू हैं दूसराा पहलू है की अच्छा भाग्य बुरा भाग्य नसीब से मिलता है अच्छा भाग्य होनेे स मनुष्य बड़े कुल में जन्मम लेता जहां उसे सब सुख सुविधाएं होती हैं इसके विपरीत अगर भाग्य अच्छा नहींं है ,वह गरीब घर मेंं जन्म लेता है जहां उसे दो वक्तत का खाना भी नसीब नहीं होता है, हमाारी आगेे की योजना भाग्य के अनुसार निर्धारित होती है, जैसी बड़े घर में जन्म लेने वाला सब सुख सुविधाओं होने पर उसकी आगेे की योजना उसे उससे और ऊपर उठने की होती है, इसके विपरीत एक गरीब की योजना बस दोो वक्त रोटी की और पक्क्का मकान बनाने की होती है अर्थात योजना भाग्यय के अनुसार निर्धारित होती है, लेकिन भाग्य को अच्छा बनानेे में हमारा खुद का हाथ होता हैअगर हम कर्मशील होकर दिन रात मेहनत करते हैं कठोर परिश्रम करतेे हैं तभी हम अपने भाग्य को सौभाग्य्य में परिवर्तित कर सकते हैं.
"अच्छा भाग्य अच्छी योजना का परिणाम है"
अच्छा भाग्य अच्छी योजना का परिणाम है इसके दो पहलू हैं दूसराा पहलू है की अच्छा भाग्य बुरा भाग्य नसीब से मिलता है अच्छा भाग्य होनेे स मनुष्य बड़े कुल में जन्मम लेता जहां उसे सब सुख सुविधाएं होती हैं इसके विपरीत अगर भाग्य अच्छा नहींं है ,वह गरीब घर मेंं जन्म लेता है जहां उसे दो वक्तत का खाना भी नसीब नहीं होता है, हमाारी आगेे की योजना भाग्य के अनुसार निर्धारित होती है, जैसी बड़े घर में जन्म लेने वाला सब सुख सुविधाओं होने पर उसकी आगेे की योजना उसे उससे और ऊपर उठने की होती है, इसके विपरीत एक गरीब की योजना बस दोो वक्त रोटी की और पक्क्का मकान बनाने की होती है अर्थात योजना भाग्यय के अनुसार निर्धारित होती है, लेकिन भाग्य को अच्छा बनानेे में हमारा खुद का हाथ होता हैअगर हम कर्मशील होकर दिन रात मेहनत करते हैं कठोर परिश्रम करतेे हैं तभी हम अपने भाग्य को सौभाग्य्य में परिवर्तित कर सकते हैं.
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